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Vridhivadhika Vati Uses In Hindi | कार्य, लाभ और दुष्प्रभाव

Vridhivadhika Vati Uses In Hindi | कुछ लोगो को अंडकोष की विकारो से सम्बन्धी बीमारीयां हो जाती है जो की गुप्तरोगो के श्रेणी में आता है। इस तरह की बीमारी को ठीक करना बेहद आवश्यक है क्यूंकि इसके कारण लोगो को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। ऐसी बीमारी में लोग किसी से बात नहीं करते है और समय के साथ यह समस्या और गंभीर हो जाती है। Vridhivadhika Vati एक ऐसा आयुर्वेदिक दवा है जो अंडकोष से सम्बन्धी लगभग हरेक समस्या से राहत दिलाने में सक्षम होता है। यह दवाई का खासबात यह है की इसका सेवन करने से किसी भी तरह का दुष्प्रभाव नहीं होता है। आज के लेख Vridhivadhika Vati Uses In Hindi में हम यह दवाई के कार्य प्रक्रिया, लाभ और दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Vridhivadhika Vati Uses In Hindi

Vridhivadhika Vati Uses In Hindi

अंडकोष से संबंधित विकारो को ठीक करना बेहद आवश्यक है। ऐसे में यह बहुत ही जरूरी है की हम जिस भी दवाई का उपयोग करे वो प्रभावी और लाभदायक हो। Vridhivadhika Vati एक आयुर्वेदिक औषधि है जो बहुत सारे जड़ी बूटियों को मिलकर बनाया गया है। इसमें पाए जाने वाले मुख्य तत्त्व में ताम्र भस्म, वंग भस्म, पिप्पली ,हरीतकी क्वाथ, इत्यादि शामिल है। यह दवाई का इस्तेमाल करने से पहले इसके खुराक की मात्रा के बारे में जानकारी चिकित्सक से ले ले। क्यूंकि यह दवाई का खुराक विभिन्न आयु वर्ग के लोगो के लिए अलग अलग हो सकता है। इसके साथ ही दवाई का सेवन करते वक़्त डॉक्टर की कही गई बातो का ख़ास ध्यान रखे।

नीचे कुछ परेशानिया दी गयी है वैसे मामले में डॉक्टर अपने मरीजों को Vridhivadhika Vati का उपयोग करने का सलाह देते है :-

  • अंडकोष में गाँठ
  • नशो में सूजन
  • हर्नियां
  • अंडकोष के विकार जैसे बढ़ जाना ,दर्द होना इत्यदि।

Vridhivadhika Vati – कार्य प्रक्रिया

यह एक अंडकोष से समन्धि विकारो को ठीक करने वाली दवा है जो बहुत सारे प्राकृतिक जड़ी बूटियों से मिलाकर बनाया गया है। Vridhivadhika Vati में पाए जाने वाले मुख्य तत्त्व ताम्र भस्म, वंग भस्म, हरीतकी क्वाथ, इत्यादि शामिल है। यह हमारे शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। इसके साथ यह अंडकोष में हुए बिभिन्न रोगो के उपचार में सहायता करता है। इसमें पाए जाने तत्वों के बारे में निचे विस्तार से जानकारी दी गयी है ;-

तत्व का नामलाभ
ताम्र भस्मयह चर्म रोग, पेट में गाठ जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। ताम्र भस्म में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है जो शरीर की बहुत से प्रकार के रोगो से लड़ने में मदद करते है।
पिप्पलीखांसी और साँस से सम्बन्धी बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। पिप्पली कब्ज जैसी समस्याओ में भी काफी उपयोगी माना जाता है
हरीतकी क्वाथयह यौन से सम्बन्धी बीमारियां और यौन संक्रमण के इलाज में मददगार होता है।
वंग भस्म यह वीर्य को तंदुरस्त बनाने में मदद करता है और मनुष्य में होने वाली सेक्स सम्बन्धी बीमारी को दूर करने में भी मदद करता है। यह अंडकोष के सूजन को भी काम करने में मदद करता है।

Vridhivadhika Vati का सेवन:-

अपने दैनिक जीवन में हम हमेशा कुछ दिनों के अंतराल पर किसी न किसी दवाई का सेवन करते रहते है। कुछ दवाई अपना असर दिखाती है तो कुछ नहीं दिखाती है। अगर आप दवाई का ज़्यादा से ज़्यादा लाभ चाहते है तो इसके सेवन करने के समय और तरीके पे ख़ास ध्यान दे। Vridhivadhika Vati को हमेशा खाना खाने के बाद सेवन करने को कहा जाता है। यह दवाई का सेवन करते समय निचे दी गई महत्वपूर्ण बातो का ध्यान रखे।

  • यह दवाई का उपयोग हमेशा खाना खाने के बाद करना चाहिए।
  • दवाई का सेवन हमेशा गर्म पानी या दूध के साथ करना चाहिए।
  • यह दवाई का उपयोग हमेशा डॉक्टर द्वारा निर्धारित किये गए खुराक के अनुसार ही करना चाहिए।
  • दवाई का सेवन कभी भी 375 ग्राम से अधिक नहीं करना चाहिए।

Vridhivadhika Vati का लाभ (Benefits):-

अगर आप अंडकोष की विकारो से जुडी समस्याओ की इलाज के लिए दवाई का खोज कर रहे है तब Vridhivadhika Vati आपके लिए बहुत ही उपयोगी दवा है। यह दवाई कफ और वात को नियंत्रित करने का कार्य करता है। इसके साथ यह हर्निया जैसी समस्या को भी ठीक करने में मदद करता है। यदि आप अंडकोष में हो रहे दर्द, सूजन और इससे सम्बंधित किसी भी तरह की समस्या पीड़ित है तो यह दवाई आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है। यह दवाई के सेवन से होने वाले लाभ के बारे में सूचि निचे दी गयी है :-

  • अंडकोष में हुए दर्द या सूजन को ठीक करने में मदद करता है।
  • नसों में हुए सूजन को भी ठीक करने में मदद करता है।
  • हर्निया जैसी बीमारी को भी ठीक करने में सहायक होता है।
  • हमारे शरीर के इम्युनिटी को भी मजबूत में मदद करता है।
  • थाइरोइड से सम्बन्धी बीमारी को भी ठीक करता है।

Vridhivadhika Vati का दुष्प्रभाव (Side Effects):-

यह एक आयुर्वेदिक दवाई है जो बहुत सारे प्राकृतिक जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाया गया है। आमतौर Vridhivadhika Vati का सेवन करने से किसी भी तरह का दुष्प्रभाव नहीं देखने को मिलता है परन्तु इसके अत्यधिक सेवन से पेट में गैस, उलटी और अपच जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए यह दवाई का सेवन हमेशा डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक के अनुसार ही करे। यह दवाई का सेवन हमेशा नियमित रूप से करे जिससे आपको इसके उचित लाभ होंगे। अगर दवाई के सेवन बाद आपके शरीर में कुछ गंभीर दुष्प्रभाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर को संपर्क करे।

Vridhivadhika Vati का सेवन किस स्थिति में नहीं करना चाहिए।

हम दवाई का सेवन अक्सर करते है लेकिन उसके साथ साथ कुछ ऐसी परिस्थितियां होती है जिसमे हमें कुछ दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए। कभी कभी दवाई का सेवन करने पर हमें उचित लाभ नहीं मिलता है या उसके दुष्प्रभाव हो जाते है इसका मुख्य कारण होता है की हम दवाई का सेवन सही तरीके से नहीं कर रहे होते है। इसलिए जब भी हम किसी नयी दवाई का सेवन करे तब उसके बारे में डॉक्टर से अच्छी तरह से जानकारी ले ले। Vridhivadhika Vati का सेवन हमें किस स्थिति में नहीं करना चाहिए उसके बारे में जानकारी निचे दी गयी है जिसे हमेशा ध्यान में रखे :-

  • यह दवाई का असर गर्म होता है इसलिए गर्भवती महिला इस दवाई का सेवन न करे। क्यूंकि इससे होने वाले बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है।
  • अगर आपको यह दवाई के किसी भी तत्त्व से एलेर्जी हो तब इसका सेवन ना करे।
  • यह दवाई का सेवन बच्चो के लिए नहीं है। क्यूंकि डॉक्टर से बिना पूछे इसका सेवन कराने पर इसके रिएक्शन होने का भी असंका रहती है।
  • अगर आप यह समस्या के लिए किसी दवाई का सेवन कर रहे है तो इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताये।

महत्त्वपूर्ण सावधानियां:-

  • दवाई का सेवन करने के दौरान किसी भी तरह का नशा या धूम्रपान का सेवन ना करे।
  • यह दवाई खरीदने से पहले एक बार एक्सपायरी डेट जरूर देख ले।
  • यह दवाई बच्चों के पहुंच से हमेशा दूर रखे।
  • दवाई के पैकेट को हमेशा सूखी और ठंडी जगह पर रखे ।
  • दवाई के पैकेट पर कभी भी सूरज की रोशनी ना आने दे।

Vridhivadhika Vati से संबंधित लोगो द्वारा पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न:-

Vridhivadhika Vati का उपयोग किसलिए किया जाता है?

यह दवाई का सेवन अंडकोष से सम्बन्धी बीमारियां और हर्निया जैसी समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता है।

Vridhivadhika Vati का उपयोग दिन में कितनी बार करना चाहिए?

यह दवाई का उपयोग दिन में 2 से 3 बार गर्म पानी या दूध के साथ करना चाहिए।

क्या Vridhivadhika Vati गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित है?

नहीं, गर्भवती महिला यह दवाई का सेवन न करे क्यूंकि इसके असर गर्म होता है जो की होने वाले बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

नमस्कार दोस्तों। मेरा नाम सुशांत पटेल है। मैं B.Pharma का स्नातक छात्र हूं। मुझे दवाओं और अन्य चिकित्सा संबंधी चीज़ों के बारे में लिखना और सीखना पसंद है। यहां मैं दवाओं, बीमारियों, चिकित्सा परीक्षणों और स्वास्थ्य से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण चीजों के बारे में ज्ञान साझा करूंगा।

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