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Vridhivadhika Vati: उपयोग, लाभ और अन्य जानकारी in Hindi

Vridhivadhika Vati Uses In Hindi | वृद्धिवाधिका वटी दवाई का नाम तो अपने पहले कभी न कभी जरूर सुना होगा लेकिन क्या आप इसका उपयोग के बारे में जानते है? अगर आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाह रहे है तब आप आज बिलकुल सही जगह पर आएं है। क्यूंकि आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको Vridhivadhika Vati से जुडी हरेक छोटी से बड़ी जानकारी देंगे। तो आप इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े। 

Vridhivadhika Vati Uses In Hindi

Vridhivadhika Vati Uses In Hindi
  • दवाई की जानकारी
  • उपयोग
  • कीमत और अन्य जानकारी
  • Composition: ताम्र भस्म + पिप्पली + गुग्गुलु + अश्वगंधा
  • कंपनी: विविध कंपनी द्वारा बनाया जाता है
  • दवा का प्रकार: आयुर्वेदिक
  • उपयोग: सूजन और अंडकोष की समस्याओ में
  • कीमत: ₹100-250
  • प्रिस्क्रिप्शन आवश्यक है: हाँ

वृद्धिवाधिका वटी एक आयुर्वेदिक दवाई है जो अंडकोष से जुडी अनेकों समस्या के इलाज के लिए उपयोग में ली जाती है। यह हमारे शरीर में अनावश्यक उत्तकों के वृद्धि को रोकने में मदद करता है। अंडकोष में सूजन, दर्द और उसमे रक्त भर जाना जैसी स्थिति के इलाज के लिए यह रामबाण दवाई के रूप में कार्य करता है। 

यह दवाई आपको किसी भी आयुर्वेदिक मेडिकल्स स्टोर पर आसानी से मिल जाता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक से इसके खुराक के बारे में जानकारी ले ले। 

नीचे कुछ परेशानिया दी गयी है वैसे मामले में डॉक्टर अपने मरीजों को Vridhivadhika Vati का उपयोग करने का सलाह देते है :-

  • अंडकोष में गाँठ
  • नशो में सूजन
  • हर्नियां
  • अंडकोष के विकार जैसे बढ़ जाना ,दर्द होना इत्यदि।

Vridhivadhika Vati – कार्य प्रक्रिया

वृद्धिवाधिका वटी में गुग्गुलु, शिलाजीत, अश्वगंधा जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मिश्रण होता है जो हमारे शरीर में उत्तकों को वृद्धि को रोकने का कार्य करता है। इसका सेवन से मुख्यतः अंडकोष से जुडी अनेकों समस्या से राहत मिलती है। इसके साथ ही यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करने का कार्य करता है। 

Vridhivadhika Vati Dosage वृद्धिवाधिका वटी का सेवन

वृद्धिवाधिका वटी औषधी का सेवन करने के तरीके के बारे में निचे बताया गया है जिसे आप हमेशा इस दवाई का सेवन करते वक़्त ध्यान में रखे। 

  • यह दवाई का उपयोग हमेशा खाना खाने के बाद करना चाहिए।
  • दवाई का सेवन हमेशा गर्म पानी या दूध के साथ करना चाहिए।
  • यह दवाई का उपयोग हमेशा डॉक्टर द्वारा निर्धारित किये गए खुराक के अनुसार ही करना चाहिए।
  • दवाई का सेवन कभी भी 375 ग्राम से अधिक नहीं करना चाहिए।

Benefits Of Vridhivadhika Vati – वृद्धिवाधिका वटी का लाभ

  • अंडकोष में हुए विकार के इलाज – अंडकोष से जुडी अनेकों तरह की समस्या लोगों को हो जाती है। जैसे गांठ, नसों में सूजन, दर्द इत्यादि जैसी समस्या के लिए वृद्धिवाधिका वटी रामबाण इलाज के रूप में कार्य करता है। 
  • मधुमेह – मधुमेह की बीमारी में रक्त शकर्रा की स्तर बढ़ जाती है जिनसे लोगों में थकान, चक्कर आना, भूख कम लगना जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। वृद्धिवाधिका वटी का सेवन करने पर इस तरह की समस्या से आसानी से राहत पाया जा सकता है।
  • हर्निया रोग के उपचार – हर्निया की समस्या मुख्यतः पेट और हमारे जांध के बिच ऊपरी हिस्सों में होती है। इस तरह की अक्सर तब होती है जब हमारे पेट या आंत की मांशपेशियां पेट की कमजोर उत्तकों को छेदकर बाहर आने लगती है। इस तरह की समस्या में कई लोगों को सर्जरी के द्वारा भी उपचार किया जाता है। हालाँकि अगर आप समय रहते वृद्धिवाधिका वटी का सेवन सही तरीके से करते है तब इससे राहत पा सकते है। 
  • अस्थमा एवं स्वशन प्रणाली के विकार – श्वसन प्रणाली के विकार जैसे अस्थमा एवं दमा रोग जैसी समस्या का उपचार इस आयुषधि के द्वारा किया जा सकता है। 
  • शरीर में मिनरल्स की आपूर्ति – लोगों को शरीर में जरुरी मिनरल की कमी अक्सर हो जाया करती है। इसके सेवन से हमारे शरीर में मिनरल्स और विटामिन की कमी दूर हो जाती है। और इसके साथ ही हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है। 

Side Effects Of Vridhivadhika Vati – वृद्धिवाधिका वटी का का दुष्प्रभाव

आमतौर पर वृद्धिवाधिका वटी का सेवन करने से किसी भी तरह का दुष्प्रभाव नहीं देखने को मिलता है परन्तु इसके अत्यधिक सेवन से आपको पेट में गैस, उलटी और अपच जैसी समस्या देखने को मिल सकती है। इसलिए यह दवाई का सेवन हमेशा डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक के अनुसार ही करे। इस दवाई का सेवन हमेशा नियमित रूप से करे जिससे आपको उचित लाभ होंगे। अगर आपको इस दवाई के सेवन से किसी भी तरह के दुष्प्रभाव देखने को मिले तब आप तुरंत डॉक्टर को संपर्क कर ले। 

Vridhivadhika Vati Composition – वृद्धिवाधिका वटी के घटक

  • ताम्र भस्म – ताम्र भस्म में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है जो शरीर की बहुत से प्रकार के रोगो से लड़ने में मदद करते है। यह चर्म रोग, पेट में गाठ जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है।
  • पिप्पली – पिप्पली स्वशन सम्बन्धी विकारों को ठीक करने के लिए बहुत ही लाभकारी होती है। यह खांसी और कब्ज जैसी समस्या से राहत दिलाने  मदद करता है। 
  • गुग्गुलु – यह हमारे शरीर के रक्त में शुगर लेवल को कम करता है जिससे लोगों को मधुमेह जैसी समस्या से राहत मिलती है। 
  • अश्वगंधा – अश्वगंधा में कुछ ऑक्सीडेंट मौजूद होते है जो हमारे इम्मूयन सिस्टम को मजबूत करने का कार्य करता है। इसके साथ ही यह खांसी और जुकाम जैसी समस्या को भी ठीक करता है। 

Vridhivadhika Vati का सेवन किस स्थिति में नहीं करना चाहिए।

हम दवाई का सेवन अक्सर करते है लेकिन उसके साथ साथ कुछ ऐसी परिस्थितियां होती है जिसमे हमें कुछ दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए। कभी कभी दवाई का सेवन करने पर हमें उचित लाभ नहीं मिलता है या उसके दुष्प्रभाव हो जाते है इसका मुख्य कारण होता है की हम दवाई का सेवन सही तरीके से नहीं कर रहे होते है। इसलिए जब भी हम किसी नयी दवाई का सेवन करे तब उसके बारे में डॉक्टर से अच्छी तरह से जानकारी ले ले। Vridhivadhika Vati का सेवन हमें किस स्थिति में नहीं करना चाहिए उसके बारे में जानकारी निचे दी गयी है जिसे हमेशा ध्यान में रखे :-

  • यह दवाई का असर गर्म होता है इसलिए गर्भवती महिला इस दवाई का सेवन न करे। क्यूंकि इससे होने वाले बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है।
  • अगर आपको यह दवाई के किसी भी तत्त्व से एलेर्जी हो तब इसका सेवन ना करे।
  • यह दवाई का सेवन बच्चो के लिए नहीं है। क्यूंकि डॉक्टर से बिना पूछे इसका सेवन कराने पर इसके रिएक्शन होने का भी असंका रहती है।
  • अगर आप यह समस्या के लिए किसी दवाई का सेवन कर रहे है तो इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताये।

महत्त्वपूर्ण सावधानियां:-

  • दवाई का सेवन करने के दौरान किसी भी तरह का नशा या धूम्रपान का सेवन ना करे।
  • यह दवाई खरीदने से पहले एक बार एक्सपायरी डेट जरूर देख ले।
  • यह दवाई बच्चों के पहुंच से हमेशा दूर रखे।
  • दवाई के पैकेट को हमेशा सूखी और ठंडी जगह पर रखे ।
  • दवाई के पैकेट पर कभी भी सूरज की रोशनी ना आने दे।

Vridhivadhika Vati Uses In Hindi Conclusion

वृद्धिवाधिका वटी एक आयुर्वेदिक औषधी है जिसका उपयोग मुख्यतः अंडाशय में हुए समस्या के उपचार के लिए किया जाता है। इसके अलावा यह मधुमेह, हर्निया और अस्थमा जैसी समस्या के उपचार में भी सहायक होता है। इसका सेवन करने से किसी भी तरह के दुष्प्रभाव नहीं होता है। 

इस आयुषधि का इस्तेमाल करने से पहले किसी चिकित्सक से सलाह जरूर ले ले। इसे हमें किन स्थितयों में सेवन नहीं करनी चाहिए उसके बारे में उपर बताया गया है जिसे हमेशा ध्यान में रखे। 

Vridhivadhika Vati से संबंधित लोगो द्वारा पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न:-

Vridhivadhika Vati का उपयोग किसलिए किया जाता है?

यह दवाई का सेवन अंडकोष से सम्बन्धी बीमारियां और हर्निया जैसी समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता है।

Vridhivadhika Vati का उपयोग दिन में कितनी बार करना चाहिए?

यह दवाई का उपयोग दिन में 2 से 3 बार गर्म पानी या दूध के साथ करना चाहिए।

क्या Vridhivadhika Vati गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित है?

नहीं, गर्भवती महिला यह दवाई का सेवन न करे क्यूंकि इसके असर गर्म होता है जो की होने वाले बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

वृद्धिवाधिका वटी कैसे काम करती है?

शरीर में ऊतकों की वृद्धि रोक के वृद्धिवाधिका वटी अलग अलग प्रकार की समस्या दूर करके काम करती है।

वृद्धिवाधिका वटी कितने रुपए की आती है?

अलग अलग कंपनी द्वारा यह दवाई मिलती है जो ₹100-250 के बिच आप खरीद सकते है।

नमस्कार दोस्तों। मेरा नाम सुशांत पटेल है। मैं B.Pharma का स्नातक छात्र हूं। मुझे दवाओं और अन्य चिकित्सा संबंधी चीज़ों के बारे में लिखना और सीखना पसंद है। यहां मैं दवाओं, बीमारियों, चिकित्सा परीक्षणों और स्वास्थ्य से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण चीजों के बारे में ज्ञान साझा करूंगा।

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